अभी कल दोपहर जब श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, हैदराबाद, के अध्यक्ष राजकुमार सुराणा जी का फोन आया कि आचार्य तुलसी (1914-1997) जन्मशती समारोह के अंतर्गत उनकी संस्था ने नगर के वरिष्ठ हिंदी साहित्यकारों के सम्मान का निश्चय किया है तो मैंने लपक कर उनके इस शुभ-संकल्प को सराहा और आचार्य तुलसी की काव्यकृति 'अग्निपरीक्षा' का भी स्मरण कराया. लेकिन तब मैं संकोच में पड़ गया जब उन्होंने बताया कि सम्मान पाने वालों की सूची में मेरा भी नाम है.
XXX
अस्तु, यह सम्मान-कार्यक्रम 10 नवंबर 2013 को 'आचार्य तुलसी : साहित्य साधना' विषयक सत्र के साथ होना तय हुआ है. आयोजकों के प्रति हार्दिक आभार!!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें