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शुक्रवार, 24 जून 2022

प्रो. ऋषभदेव शर्मा अभिनंदन ग्रंथ का विमोचन 4 जुलाई को




हैदराबाद, 24 जून, 2022 (मीडिया विज्ञप्ति)।


दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (उच्च शिक्षा और शोध संस्थान) तथा 'साहित्य मंथन' के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 4 जुलाई (सोमवार) को दोपहर साढ़े 3 बजे से सभा के खैरताबाद स्थित परिसर में एकदिवसीय राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रो. ऋषभदेव शर्मा के सम्मान में प्रकाशित अभिनंदन ग्रंथ 'धूप के अक्षर' का लोकार्पण किया जाएगा।


समारोह के स्वागाताध्यक्ष प्रो. संजय लक्ष्मण मादार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कृत वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. एन. गोपि करेंगे। अध्यक्ष महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. देवराज होंगे। देहरादून से पधारीं प्रो. पुष्पा खंडूरी अतिविशिष्ट अतिथि का आसन ग्रहण करेंगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. गोपाल शर्मा, डॉ. अहिल्या मिश्र, डॉ. राकेश कुमार शर्मा, डॉ. वर्षा सोलंकी एवं सभा के प्रधान सचिव जी. सेल्वराजन उपस्थित रहेंगे।



अभिनंदन ग्रंथ की प्रधान संपादक एवं समारोह की समन्वयक डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने बताया कि 'धूप के अक्षर' शीर्षक अभिनंदन ग्रंथ दो ज़िल्दों में प्रकाशित है। लगभग 700 पृष्ठ के इस ग्रंथ में 60 लेखकों के कुल 82 आलेख सम्मिलित हैं। इनमें देश भर के विद्वानों और समीक्षकों के साथ-साथ प्रो. ऋषभदेव शर्मा के अंतरंग मित्रों, सहकर्मियों और शोध छात्रों के संस्मरण और समीक्षाएँ शामिल हैं। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि विमोचन के उपरांत अभिनंदन ग्रंथ की प्रतियाँ संपादन मंडल और सहयोगी लेखकों को समर्पित की जाएँगी।


समारोह के संयोजक एवं सभा के सचिव एस. श्रीधर ने सभी साहित्य प्रेमियों से कार्यक्रम में उपस्थित होने की अपील की है।


मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

डॉ. नीरजा की पुस्तक ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ का विमोचन 18 को

हैदराबाद, 14 दिसंबर, 2021।


साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्य मंथन’ और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के संयुक्त तत्वाधान में आगामी शनिवार, 18 दिसंबर, 2021 को दोपहर 2:30 बजे सभा के खैरताबाद स्थित परिसर में डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की नवीनतम आलोचना कृति ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ का विमोचन समारोह आयोजित किया जा रहा है। समारोह की अध्यक्षता अरबा मींच विश्वविद्यालय, इथियोपिया के पूर्व प्रोफेसर डॉ. गोपाल शर्मा करेंगे। उस्मानिया विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ. शुभदा वांजपे मुख्य अतिथि का आसन ग्रहण करेंगी। मुख्य वक्ता के रूप में युवा कवि प्रवीण प्रणव पुस्तक की समीक्षा करेंगे। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. करन सिंह ऊटवाल तथा सभा के सचिव एस. श्रीधर विशेष अतिथि होंगे।

‘समकालीन साहित्य विमर्श’ तेलुगुभाषी हिंदी लेखिका डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की छठी मौलिक पुस्तक है। साथ ही वे अब तक 9 ग्रंथों का संपादन तथा हिंदी से एक कहानी संग्रह का तेलुगु में अनुवाद प्रस्तुत कर चुकी हैं। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के ‘हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक सम्मान’ से पुरस्कृत डॉ. नीरजा ने बताया कि ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ के प्रकाशन पर वे विशेष प्रसन्न हैं, क्योंकि इसकी शुभाशंसा और भूमिका प्रो. रमेश चंद्र शाह और प्रो. दिविक रमेश जैसे आज के शीर्षस्थ साहित्यकारों ने लिखी है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में हरित विमर्श, किन्नर विमर्श, स्त्री विमर्श, लघुकथा विमर्श, लोक विमर्श, दलित विमर्श, विस्थापन विमर्श, आदिवासी विमर्श, वृद्धावस्था विमर्श और उत्तर आधुनिक विमर्श पर केंद्रित 24 शोधपूर्ण आलेख शामिल हैं।

लेखिका ने बताया कि विमोचित पुस्तक की पहली प्रति प्रतिष्ठित कवि-समीक्षक प्रो. ऋषभदेव शर्मा स्वीकार करेंगे। समारोह का संचालन मिश्र धातु निगम के राजभाषा अधिकारी डॉ. बी. बालाजी करेंगे।




शनिवार, 20 नवंबर 2021

'रामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश' का लोकार्पण और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 30 को


 



मीडिया विज्ञप्ति

 'रामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश' का लोकार्पण और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 30 को 


साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था (मुंबई) के तत्वावधान में "रामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश" के प्रथम खंड 'लोकगीत तथा लोककथाओं में श्रीराम का संदर्भ' का लोकार्पण दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 30 नवंबर, 2021 (मंगलवार) को केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं राम साहित्य के विशिष्ट विद्वानों द्वारा किया जाएगा। 

संस्था के सचिव और महाकोश के प्रधान संपादक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि इस अवसर पर  "रामकथा में सुशासन" विषय पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी भी संपन्न होगी। कार्यक्रम सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक चलेगा। रामनामी संप्रदाय तथा ललित सिंह ठाकुर द्वारा "छत्तीसगढ़ के वनवासी राम" पर विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। प्रतिभागिता के लिए पंजीकरण https://www.shodhsanstha.com/ लिंक पर कराया जा सकता है।

सोमवार, 15 मार्च 2021

'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में हिंदी की विकास यात्रा' पर एकदिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन


हैदराबाद, 14 मार्च, 2021 (प्रेस विज्ञप्ति).

डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा 'अरुण'
प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय 

                    यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा-आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के सचिव श्री जी. सेल्वराजन ने यह स्पष्ट किया कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में हिंदी की विकास यात्रा' विषयक एकदिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन केंद्रीय हिंदी निदेशालय, शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 16 मार्च, 2021 को खैरताबाद स्थित सभा परिसर में संपन्न होगा।  इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय जी करेंगे और मुख्य अतिथि हैं रुड़की के प्रख्यात साहित्यकार और भारतविद्या के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रो. योगेंद्र नाथ शर्मा 'अरुण'  जी। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, हैदराबाद के पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो. ऋषभदेव शर्मा, नई दिल्ली के प्रख्यात हिंदी विद्वान डॉ. बेचैन कंडियाल, प्रो. गोपाल शर्मा और केंद्रीय हिंदी निदेशालय के उपनिदेशक तथा 'भाषा' पत्रिका के संपादक डॉ. राकेश कुमार शर्मा उपस्थित रहेंगे। संयोजक ने नगरद्वय के हिंदी प्रेमियों को इस सारस्वत आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया है.

डॉ. बेचैन कंडियाल 
डॉ. राकेश कुमार शर्मा 
 



- कार्यक्रम संयोजक
जी. सेल्वराजन
सचिव एवं संपर्क अधिकारी
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा - आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना
खैरताबाद, हैदराबाद - 500004

बुधवार, 12 जुलाई 2017

(निमंत्रण) मुक्तिबोध जन्मशती पर प्रकाशित "अँधेरे में : पुनर्पाठ" का लोकार्पण 16 जुलाई को

'अँधेरे में'' : पुनर्पाठ/ (सं) ऋषभ देव शर्मा, गुर्रमकोंडा नीरजा
परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद
2017, पृष्ठ 224, मूल्य : 250/- 
ISBN : 978-93-84068-54-7
वितरक : srisahitiprakashan@yahoo.com
हैदराबाद।16 जुलाई, 2017 (रविवार) को दोपहर 12 बजे हिंदी प्रचार सभा, नामपल्ली में आयोजित कादंबिनी क्लब, हैदराबाद की मासिक संगोष्ठी में प्रो. ऋषभ देव शर्मा और डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा द्वारा संपादित पुस्तक 'अँधेरे में : पुनर्पाठ' का लोकार्पण समारोह संपन्न होगा। इसकी अध्यक्षता डॉ. अहिल्या मिश्र करेंगी तथा मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. शुभदा वांजपे पुस्तक को लोकार्पित करेंगी। प्रथम प्रति प्रो. गोपाल शर्मा स्वीकार करेंगे। 

कादंबिनी क्लब की अध्यक्ष डॉ.  अहिल्या मिश्र ने बताया कि गजानन माधव मुक्तिबोध की कविता 'अँधेरे में' की अर्धशती हैदराबाद में 2015 में मनाई गई थी। यह पुस्तक उसकी अगली कड़ी है।

यह पुस्तक दो खंडों में विभाजित है। पहले खंड में तेरह शोधपूर्ण आलेख शामिल हैं जो महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रो. देवराज, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य डॉ. एम. वेंकटेश्वर, विख्यात कवि और समीक्षक डॉ. दिविक रमेश, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजमणि शर्मा और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के पूर्व आचार्य डॉ. ऋषभ देव शर्मा जैसे दिग्गजों के साथ डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. साहिराबानू बी. बोरगल, डॉ. गोरखनाथ तिवारी, डॉ. बलविंदर कौर, डॉ. मृत्युंजय सिंह और डॉ. बी. बालाजी ने लिखे हैं।

विमोच्य पुस्तक के दूसरे खंड में प्रो. गोपाल शर्मा की पूरी एक पुस्तक प्रस्तुत की गई है। ‘अँधेरे में : देरिदा-दृष्टि से एक जगत समीक्षा’ नामक इस पुस्तक में पहली बार उत्तर आधुनिक विमर्शकार देरिदा की वैचारिकी की कसौटी पर ‘अँधेरे में’ का पाठ विश्लेषण किया गया है।

!! इस महत्वपूर्ण पुस्तक के लोकार्पण समारोह में आप सादर आमंत्रित हैं!!

स्वागतोत्सुक:
गुर्रमकोंडा नीरजा

बुधवार, 15 जून 2016

शोधपत्र प्रस्तुति को समर्पित ग्रंथ "संकल्पना" प्रकाशित


"संकल्पना"
(विभिन्न विद्वानों एवं शोधकर्ताओं के 39 शोधपत्रों से सुसज्जित आलोचना-ग्रंथ).
संपादक- डॉ.गुर्रमकोंडा नीरजा और डॉ. ऋषभदेव शर्मा.

ISBN - 978-9384068-21-9.

प्रकाशक - परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद.
वितरक - श्रीसाहिती प्रकाशन, हैदराबाद.


पहला खंड : भाषा विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
डॉ शिव कुमार राजौरिया, संतोष विजय मुनेश्वर, जी संगीता, डॉ मंजु शर्मा, डॉ सुरैया परवीन, अर्चना पांडेय

दूसरा खंड : स्त्रीविमर्श  : सम्मिलित लेखक :
डॉ अर्पणा दीप्ति,अंजूपांडेय, गौसिया, नीलोफर, मोनिकादेवी.

तीसरा खंड : दलित विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
सरला सिंह, सुभाषिणी टी.

चौथा खंड : जनजाति विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
डॉ. अनुपमा तिवारी, अनु कुमारी, विजय लक्ष्मी, विजया चांदावत.

पांचवाँ खंड : संस्कृति विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह, आलोक राज.सक्सेना, बृजवासी गुप्ता, मीनाक्षी प्र आर के, अर्चना.

छठा खंड : पर्यावरण विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
हेमंता बिष्ट.

सातवाँ खंड : मीडिया विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
अमन कुमार.त्यागी, अरविंद कुमारसिंह, विनोद चौरसिया.

आठवाँ खंड : बालसाहित्य विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
सुनीताआचार, बी. नवीन, वी. ममता..

नौवाँ खंड : अनुवाद विमर्श  : सम्मिलित लेखक :
पी. पावनी..

दसवाँ खंड :विविधा  : सम्मिलित लेखक :
पेरिके झांसी लक्ष्मीबाई, माधुरी तिवारी, प्रभा कुमारी, राम बदन सिंह यादव, नर्मदा आकारपु, 
वैजीनाथ, अंजुषा चौहान, यू. सुनीता, अजय कुमार मौर्य.

पुस्तक लोकार्पण समारोह 
18 जून 2016 (शनिवार) को
समय : सायं 5.00 बजे 
समारोह स्थल : आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, नामपल्ली, हैदराबाद.
आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थित है!!!!!

मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015

[निमंत्रण] पुस्तक लोकार्पण समारोह : 12 अक्टूबर 2015

निमंत्रण
साहित्य मंथन, हैदराबाद 
के तत्वावधान में आयोजित
 पुस्तक लोकार्पण समारोह
 में 
इष्ट मित्रों सहित आपकी गौरवमयी उपस्थिति सादर प्रार्थित है.
विमोच्य पुस्तकें 
1. हिंदी भाषा के बढ़ते कदम 
[लेखक - डॉ. ऋषभदेव शर्मा] 
 तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली 
2. उत्तर आधुनिकता : साहित्य और मीडिया
 [संपादक - डॉ. ऋषभदेव शर्मा और डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा] 
 जगत भारती प्रकाशन, इलाहाबाद 
3. ऋषभदेव शर्मा का कविकर्म 
[लेखक - डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह] 
 परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद 
दिनांक - 12 अक्टूबर, 2015 : सोमवार : ठीक 4 बजे अपराह्न 
स्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, 
खैरताबाद, हैदराबाद - 500004.
अध्यक्ष :
 प्रो. देवराज (आचार्य, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा)
मुख्य अतिथि : 
प्रो. एम. वेंकटेश्वर (पूर्व प्राचार्य, आर्ट्स कॉलेज, उस्मानिया विवि.,हैदराबाद)
विशिष्ट अतिथि : 
डॉ. राधेश्याम शुक्ल (संपादक, 'भास्वर भारत', हैदराबाद)
 डॉ. अहिल्या मिश्र (संयोजक, कादंबिनी क्लब, हैदराबाद) 
श्री सी. एस. होसगौडर (सचिव, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद)
सूत्रधार :
 डॉ. बी. बालाजी (हिंदी अधिकारी, बीडीएल, भानूर) 
संयोजक : 
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा (प्राध्यापक, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दभाहिप्रस, हैदराबाद)