रविवार, 16 फ़रवरी 2014

भारतीय अनुवाद परिषद का ‘नातालि पुरस्कार’ प्रो. दिलीप सिंह को


प्रो. दिलीप सिंह 


हैदराबाद, 15 फरवरी 2014.

दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास के कुलसचिव एवं प्रमुख हिंदी भाषावैज्ञानिक प्रो. दिलीप सिंह को भारतीय अनुवाद परिषद, दिल्ली द्वारा अनुवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष 2014-15 का ‘नातालि पुरस्कार एवं सम्मान’ प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है. 

पुरस्कृत कृति 
परिषद के महासचिव डॉ. पूरनचंद टंडन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष अनुवाद सिद्धांत पर हिंदी भाषा में लिखित मौलिक पुस्तक के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार एवं सम्मान प्रो. दिलीप सिंह को उनकी सद्यःप्रकाशित कृति ‘अनुवाद की व्यापक संकल्पना’ पर प्रदान किया जा रहा है. इसके अंतर्गत परिषद द्वारा निकट भविष्य में आयोजित एक भव्य समारोह में इक्कीस हजार रुपए की पुरस्कार राशि, शॉल, प्रशस्ति पत्र, सारस्वत प्रतिमा तथा सम्मान चिह्न प्रदान किए जाएँगे.


उल्लेखनीय है कि एक सुस्थापित स्वयंसेवी संस्था द्वारा प्रदान किए जाने वाले इस पुरस्कार का अपना एक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व है तथा प्रो. दिलीप सिंह को यह पुरस्कार एवं सम्मान जिस पुस्तक पर प्राप्त हो रहा है उसमें अनुवाद शास्त्र पर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की पृष्ठभूमि में चिंतन करते हुए उन्होंने अनुवाद समीक्षा और मूल्यांकन के विविध व्यावहारिक प्रारूप प्रस्तुत किए हैं जिसे हिंदी अनुवाद चिंतन के क्षेत्र में उनका मौलिक योगदान माना जाता है.


प्रो. दिलीप सिंह को ‘नातालि पुरस्कार’ दिए जाने की घोषणा पर साहित्य, शिक्षा और भाषाविज्ञान क्षेत्र के विद्वानों ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है.




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