साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्य मंथन’ के तत्वावधान में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के खैरताबाद स्थित सम्मेलन कक्ष में आगामी 12 अक्टूबर, सोमवार को अपराह्न 4 बजे पुस्तक लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से संबद्ध प्रो. देवराज की अध्यक्षता में संपन्न होने वाले इस कार्यक्रम में तीन ग्रंथों का विमोचन किया जाएगा.
लोकार्पित होने वाली पहली पुस्तक में प्रो. ऋषभदेव शर्मा द्वारा लिखित ‘हिंदी भाषा के बढ़ते कदम’ है. इस पुस्तक में लेखक ने आधुनिक परिवर्तनशील वैश्विक परिदृश्य के बरक्स हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व और उससे जुड़ी चुनौतियों पर भाषावैज्ञानिक विमर्श प्रस्तुत किया है.
लोकार्पित होने वाली दूसरी पुस्तक ‘उत्तर आधुनिकता : साहित्य और मीडिया’ में
विभिन्न विद्वानों के 18 शोधपूर्ण आलेख सम्मिलित हैं जिसका संपादन डॉ. ऋषभदेव शर्मा और डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने किया है. इस पुस्तक में उत्तर आधुनिक विमर्श के स्वरूप पर तो चर्चा की ही गई है, उसके परिणामस्वरूप हिंदी साहित्य में उभरे विभिन्न विमर्शों और विज्ञापन, टेलीविजन तथा हिंदी सिनेमा तक की उत्तर आधुनिक प्रवृत्तियों का गहन विश्लेषण भी किया गया है.
इस अवसर पर लोकार्पित की जाने वाली तीसरी पुस्तक ‘ऋषभदेव शर्मा का कविकर्म’ के लेखक डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह हैं. उन्होंने इस पुस्तक में तेवरी काव्यांदोलन के जनक ऋषभदेव शर्मा की काव्यकृतियों का समीक्षात्मक विश्लेषण तो किया ही है साथ ही उनके साथ अपनी लंबी बातचीत भी प्रस्तुत की है. डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने यह पुस्तक प्रो. शर्मा के 58 वें जन्मदिन के संदर्भ में तैयार की है.
उल्लेखनीय है कि लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. एम. वेंकटेश्वर तथा विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. राधेश्याम शुक्ल, डॉ. अहिला मिश्र और सी. एस. होसगौडर पधार रहे हैं. संयोजकों ने सभी हिंदी प्रेमियों, प्राध्यापकों, छात्रों, राजभाषाकर्मियों और मीडियाकर्मियों से कार्यक्रम में उपस्थित होने का अनुरोध किया है.
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