बुधवार, 12 जुलाई 2017

(निमंत्रण) मुक्तिबोध जन्मशती पर प्रकाशित "अँधेरे में : पुनर्पाठ" का लोकार्पण 16 जुलाई को

'अँधेरे में'' : पुनर्पाठ/ (सं) ऋषभ देव शर्मा, गुर्रमकोंडा नीरजा
परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद
2017, पृष्ठ 224, मूल्य : 250/- 
ISBN : 978-93-84068-54-7
वितरक : srisahitiprakashan@yahoo.com
हैदराबाद।16 जुलाई, 2017 (रविवार) को दोपहर 12 बजे हिंदी प्रचार सभा, नामपल्ली में आयोजित कादंबिनी क्लब, हैदराबाद की मासिक संगोष्ठी में प्रो. ऋषभ देव शर्मा और डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा द्वारा संपादित पुस्तक 'अँधेरे में : पुनर्पाठ' का लोकार्पण समारोह संपन्न होगा। इसकी अध्यक्षता डॉ. अहिल्या मिश्र करेंगी तथा मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. शुभदा वांजपे पुस्तक को लोकार्पित करेंगी। प्रथम प्रति प्रो. गोपाल शर्मा स्वीकार करेंगे। 

कादंबिनी क्लब की अध्यक्ष डॉ.  अहिल्या मिश्र ने बताया कि गजानन माधव मुक्तिबोध की कविता 'अँधेरे में' की अर्धशती हैदराबाद में 2015 में मनाई गई थी। यह पुस्तक उसकी अगली कड़ी है।

यह पुस्तक दो खंडों में विभाजित है। पहले खंड में तेरह शोधपूर्ण आलेख शामिल हैं जो महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रो. देवराज, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य डॉ. एम. वेंकटेश्वर, विख्यात कवि और समीक्षक डॉ. दिविक रमेश, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजमणि शर्मा और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के पूर्व आचार्य डॉ. ऋषभ देव शर्मा जैसे दिग्गजों के साथ डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. साहिराबानू बी. बोरगल, डॉ. गोरखनाथ तिवारी, डॉ. बलविंदर कौर, डॉ. मृत्युंजय सिंह और डॉ. बी. बालाजी ने लिखे हैं।

विमोच्य पुस्तक के दूसरे खंड में प्रो. गोपाल शर्मा की पूरी एक पुस्तक प्रस्तुत की गई है। ‘अँधेरे में : देरिदा-दृष्टि से एक जगत समीक्षा’ नामक इस पुस्तक में पहली बार उत्तर आधुनिक विमर्शकार देरिदा की वैचारिकी की कसौटी पर ‘अँधेरे में’ का पाठ विश्लेषण किया गया है।

!! इस महत्वपूर्ण पुस्तक के लोकार्पण समारोह में आप सादर आमंत्रित हैं!!

स्वागतोत्सुक:
गुर्रमकोंडा नीरजा

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