मैसूर विश्वविद्यालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के पूर्व आचार्य डॉ. ऋषभदेव शर्मा की सद्यःप्रकाशित पुस्तक 'संपादकीयम्' का लोकार्पण ब्रिटेन से पधारी प्रख्यात प्रवासी हिंदी साहित्यकार उषा राजे सक्सेना के हाथों संपन्न हुआ। पुस्तक की प्रथम प्रति छत्तीसगढ़ी कथाकार डॉ. रामनिवास साहु ने ग्रहण की। कार्यक्रम संयोजक प्रो. प्रतिभा मुदलियार ने कहा कि यह पुस्तक समसामयिक विषयों पर निष्पक्ष संपादकीय टिप्पणियों का ऐसा संग्रह है जिसमें वर्तमान समय के सभी विमर्श विद्यमान हैं। अवसर पर फिजी से पधारे खेमेंद्र कमल कुमार तथा सुभाषिणी शिरीन लता, चीन से पधारे प्रो. बलविंदर सिंह राणा और मॉरीशस से पधारी लेखिका दिया लक्ष्मी बंधन ने लेखक को शुभकामनाएँ दी।
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के प्रो. रामवीर सिंह ने पुस्तक पर बातचीत में कहा कि संपादकीय टिप्पणियों का प्रकाशन एक अच्छी शुरूआत है क्योंकि इनसे समकालीन इतिहास लेखन के लिए पर्याप्त आधार सामग्री मिल सकती है।
ऋषभ देव जी नई पुस्तक पर हिर्दिक बधाई देता हूँ । उषा सक्सेना जी को धन्यवाद कि उन्हों ने इस का लोकार्पण किया ।
जवाब देंहटाएंकृतज्ञ हूँ, सर।
जवाब देंहटाएंबधाई सर जी। बहुत अच्छी शुरुआत समकालीन परिप्रेक्ष्य की दृष्टि से आवश्यक सामग्री हेतु सभी को लाभदायक सिद्ध होगी।
जवाब देंहटाएंबधाइयां
जवाब देंहटाएंCongrats
जवाब देंहटाएंFrom Dr Asha N. Rabb
जवाब देंहटाएंThe theme of the Conference is like a Mariner's compass directing the new aspirant researchers. The ship on the cover page reminded me of Huen Tsang, Fa Hien,Tavermier, Marco Polo, Batuta, Alberuni, and others.since then till today the travelogue speaks of the immigration and emigration of not only people but also culture, language....etc.
The National award winner Dr Pratibha Mudliar has always been at the forefront for floating innovative ideas. I congratulate her and her team for the success.
Congratulations Sir. It was an honour to be part of the launch
जवाब देंहटाएंBahut sundar.
जवाब देंहटाएंGood Morning Quotes padhen padhayen, life ko happy banayen.