नमस्कार.
आज मेरा छठा कविता-संकलन छप कर आ गया है - ''सूँ साँ माणस गंध''. (संलग्न है.)
इसकी भूमिका हमारी प्लेटफार्म- गोष्ठियों के प्रथम प्रणेता डॉ. देवराज ने लिखी है.
और इसे समर्पित किया गया है -
''प्लेटफार्म गोष्ठियों के अनन्य साथी
जगदीश सुधाकर, जसवीर राणा, द्वारका प्रसाद मायछ,
कविता वाचक्नवी, गोपाल शर्मा, गुरुदयाल अग्रवाल
एवं
स्वर्गीय चंद्रमौलेश्वर प्रसाद
को''.
मैं जानता हूँ कि ये कविताएँ बहुत साधारण हैं और छपी भी अच्छे ढंग से नहीं हैं.
पर मेरे यार शायद मेरे शुद्ध मन को पढ़कर
इस तुच्छ भेंट को स्वीकार कर लेंगे.....
सादर
ऋषभदेव शर्मा
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