हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025।
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से कविता’ के तत्वावधान में ‘साहित्यकार से परिचय’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पटना (बिहार) से पधारे प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक एवं कवि डॉ. विनय कुमार का स्वागत-सत्कार किया गया।
कवि का परिचय प्रवीण प्रणव ने दिया। दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. रज़ा उल्लाह ख़ान और आईआईआईटी से पधारे वरिष्ठ कवि प्रो. लाल्टू ने शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। इसी क्रम में डॉ. शेषु बाबू, प्रो. गोपाल शर्मा, प्रो. नसीमुद्दीन फरीस एवं डॉ. आफताब आलम बेग ने भी शॉल एवं माला समर्पित कर मुख्य अतिथि के प्रति सम्मान प्रकट किया। आरंभ में सहायक कुलसचिव डॉ. आफ़ताब आलम बेग ने सबका स्वागत किया।
मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार ने अपनी जीवनयात्रा और रचनायात्रा के संबंध में खुलकर चर्चा की तथा अपने चर्चित कविता संग्रह ‘यक्षिणी’ से कई कविताओं का वाचन किया। साथ ही, यथाशीघ्र प्रकाशित होने वाले नए कविता संग्रह ‘सरस्वती’ में सम्मिलित रचनाएँ भी सुनाईं। उपस्थित साहित्यप्रेमी मित्रों के आग्रह पर उन्होंने अपनी कई गजलें भी प्रस्तुत कीं। प्रो. लाल्टू ने भी उनके आग्रह का मान रखते हुए अपनी रचनाओं का वाचन किया।
गोष्ठी में पढ़ी गई रचनाओं पर प्रो. गोपाल शर्मा, प्रो. नसीमुद्दीन फरीस, डॉ. इरशाद नैयर, डॉ. अनिल लोखंडे, डॉ. मंजु शर्मा और डॉ. आफ़ताब आलम बेग ने सारगर्भित समीक्षात्मक टिप्पणियाँ कीं।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. रज़ा उल्लाह ख़ान ने डॉ विनय कुमार की कविताओं की भाव प्रवणता, वैचारिकता, सौंदर्य बोध तथा काव्य भाषा की विशेष प्रशंसा की। संचालन का सूत्र प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने सँभाला। 000
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