सोमवार, 17 सितंबर 2012

'भाषा एवं संवेदना' पर प्रो.ऋषभ देव शर्मा का व्याख्यान संपन्न


- भारी पानी संयंत्र, मणुगूरु में हिंदी दिवस समारोह -
मणुगूरु, 17 सितंबर 2012.

भारी पानी संयंत्र, मणुगूरु की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में 14 सितंबर, 2012 को प्रशासन भवन के सभागार में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया ।  इस अवसर पर दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद के उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ.ऋषभदेव शर्मा मुख्य अतिथि थे । आपने 'भाषा एवं संवेदना' विषय पर अत्यंत सारगर्भित व्याख्यान दिया । अपनी वार्ता के दौरान जहाँ आपने एक ओर वाल्मिकी की संवेदना से जागृत उनके हृदय परिवर्तन के संदर्भ में ऐतिहासिक घटनाओं से श्रोताओं को अभिभूत किया वहीं तुलसीकृत 'रामचरितमानस' से लेकर आधुनिक कवियों की कविताओं में मानव सहज संवेदना के उद्धरणों को सिलसिलेवार ऐसे ताने-बाने में प्रस्तुत किया कि बुद्धिजीवी वैज्ञानिक वर्ग भाषा के प्रवाह रूपी सागर में बह गए ।

हिंदी दिवस समारोह के प्रारंभ में संयंत्र के सहायक निदेशक (राजभाषा) श्री सैयद मासूम रज़ा ने अतिथि डॉ.ऋषभदेव शर्मा, डॉ.पूर्णिमा शर्मा, श्री सी.शेषसाई, मुख्य महाप्रबंधक, श्री एन.के.शाह, उप मुख्य महाप्रबंधक(यू), श्री वीकेएम पार्तिबन, उप महाप्रबंधक(पी), श्री वी.पी.नेमा, उप मुख्य महाप्रबंधक(ईएस), प्रशासनिक अधिकारी श्री एन.वेंकटेश्वर्लु सहित सभी आमंत्रित वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों और हिंदी माह - 2012 के दौरान आयोजित 13 प्रतियोगिताओं के विजेताओं का स्वागत किया और पूरे वर्ष राजभाषा के कार्यान्वयन के संबंध में हुई प्रगति की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की । 

प्रशासनिक अधिकारी ने अपने संबोधन में राजभाषा के कार्यान्वयन में प्रशासकीय प्रयासों की एक ओर जहाँ चर्चा की वहीं यह संकल्प लिया कि वर्ष 2012-13 के दौरान संयंत्र में अधिकाधिक टिप्पणियाँ हिंदी में लिखने की कोशिश की जाएगी ताकि राजभाषा विभाग एवं पऊवि द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य को हासिल करने में कठिनाई न आने पाए ।






संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष, राजभाषा कार्यान्वयन समिति श्री सी.शेषसाई ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में राजभाषा की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए संयंत्र में किए जा रहे उपायों की चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार वे स्वयं फाइलों में हिंदी में टिप्पणियाँ लिख रहे हैं और धारा 3(3) के उल्लंघन के नाममात्र के मामलों को भी गंभीरता से लेकर सुधारात्मक कार्रवाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं । आपने यह भी बताया कि धारा 3(3) से संबंधित अगर कोई फाइल/कागजात बिना हिंदी प्रति के प्रस्तुत हो भी जाता है तो वे उसे बिना हस्ताक्षर के द्विभाषी रूप में प्रस्तुत करें.... जैसी टिप्पणी लिखकर वापस भेज देते हैं । 
आपने उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि यद्यपि कार्य हो रहा है लेकिन लक्ष्य से आगे जाने के लिए और भी बहुत कुछ किया जाना है सभी मिलकर इस कार्य को करें ।  राजभाषा हिंदी देश को जोड़ने वाली भाषा है इसलिए इसका प्रयोग न केवल सरकारी फाइलों तक सीमित रहे बल्कि आचार-विचार एवं व्यवहार का एक हिस्सा बन जाना चाहिए ।  आपने यह भी कहा कि हमें आदर्श प्रस्तुत करना होगा तभी हमारे मातहत अधिकारी और कर्मचारी उनका अनुसरण करेंगे । केवल अनुदेश से काम नहीं बनेगा।


हिंदी दिवस के अवसर पर संयंत्र की गृह-पत्रिका गुरुजल गौतमी एवं दो पोस्टरों का भी लोकार्पण मुख्य महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष, राजभाषा कार्यान्वयन समिति के करकमलों से हुआ ।

सभी प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को मुख्य महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष, राजभाषा कार्यान्वयन समिति ने पुरस्कार रा‍शि एवं प्रमाणपत्र वितरित किए । प्रतियोगिताओं के निर्णायकों को स्‍मृति-चिह्न प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ.ऋषभदेव शर्मा जी के कर कमलों से वितरित कराया गया । संयंत्र के वरि.हिंदी अनुवादक श्री सैयद इरफान अली के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हिंदी दिवस समारोह का समापन हुआ ।

प्रस्तुति : सैयद मासूम रज़ा, सहायक निदेशक (राजभाषा), भारी पानी संयंत्र, मणुगूरु

3 टिप्‍पणियां:

  1. बधाई। उम्मीद करता हूँ कि यह व्याख्यान आलेखरूप में भी शीघ्र पढ़ने को मिलेगा।

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    1. धन्यवाद, बंधु! आलेख तो खैर जब लिखा जाएगा तब आएगा ही; लेकिन उससे पहले शायद ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध हो जाए.

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  2. कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई

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