हैदराबाद, 27 मार्च 2014 [मीडिया विज्ञप्ति]
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के विश्वविद्यालय विभाग, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के तत्वावधान में आगामी 29-30 मार्च को द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संस्थान के बेलगाम [कर्नाटक] केंद्र में आयोजित की जा रही है. यह राष्ट्रीय संगोष्ठी गत दिनों दिवंगत हुए चार साहित्यकारों राजेंद्र यादव, परमानंद श्रीवास्तव, कैलाश चंद्र भाटिया और ओमप्रकाश वाल्मीकि की पुण्य-स्मृति को समर्पित है. इस अवसर पर आंध्र-सभा की पत्रिका ‘स्रवंति’ का इन्हीं साहित्यकारों पर केंद्रित विशेषांक भी प्रकाशित किया गया है.
संगोष्ठी का बीज-भाषण संस्थान के कुलसचिव प्रो. दिलीप सिंह देंगे तथा उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता समकुलपति आर. एफ. नीरलकट्टी करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक प्रो. केशरी लाल वर्मा तथा बतौर विशेष अतिथि अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. एम. वेंकटेश्वर शिरकत करने वाले हैं.
विभिन्न विचार सत्रों में डॉ. एस. वी. एस. एस. नारायण राजू, डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. नजीम बेगम, डॉ. शकीला बेगम, डॉ. बिष्णु कुमार राय, डॉ. सी. एन. मुगुटकर, डॉ. के एस. पाटिल, डॉ. वेद प्रकाश, डॉ. निर्मला एस. मौर्य, डॉ. अर्जुन चह्वाण, डॉ. पी राधिका, डॉ. एच. आर. घरपणकर, डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. अमर ज्योति, डॉ. मंजुनाथ अंबिग, डॉ. गोरख नाथ तिवारी, डॉ. संजय मदार, डॉ. पी. एन. हेगडे, डॉ. दिलीप सिंह, डॉ. राम जन्म शर्मा, डॉ.ऋषभ देव शर्मा, डॉ. एम. वेंकटेश्वर और डॉ. हीरा लाल बाछोतिया शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे. सत्रों की अध्यक्षता प्रो. चंदू लाल दुबे, प्रो. प्रभा भट्ट, प्रो. टी. आर. भट्ट और प्रो. एम.एल. दखनी करेंगे.
संगोष्ठी के निदेशक प्रो. दिलीप सिंह और संयोजक डॉ. वी. एन. हेगडे ने साहित्य प्रेमियों, प्राध्यापकों और शोधार्थियों से दो दिन के इस राष्ट्रीय समारोह में सम्मिलित होने की अपील की है.
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