तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी के त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन के पहले दिन की संध्या संस्कृति और कविता के नाम रही. वैष्णव कॉलेज की छात्राओं ने मनमोहक भरतनाट्यम प्रस्तुत किया. पारंपरिक नृत्य रचनाओं के अतिरिक्त महादेवी वर्मा के गीत 'प्रिय मैं एक पहेली हूँ' की भावपूर्ण प्रस्तुति ने प्रेक्षकों को सम्मोहित कर दिया है.
इसके बाद कवी सम्मलेन शुरू हुआ. इतने सारे कवि, कवयित्री! एक से एक बड़े भी और एक से एक नए भी. संचलन ईश्वर करूँ जी ने किया और मंच पर आसीन हुए अध्यक्ष के रूप में प्रो. ऋषभ देव शर्मा के साथ ताजकिस्तान के प्रो. हबिबुल्लो राजबोव, डॉ. परिणिता घोष, संपत देवी मुरारका, डॉ. अजाज़ हुसैन आदि. डॉ. सुधा त्रिवेदी, आचार्य भागवत दुबे, डॉ. गायत्री शरण मिश्र मराल, ईशवर चन्द्र झा करुण, वर्षा बरखा, सरदार मुजावर, डॉ. गार्गी और डॉ. ऋषभ देव शर्मा की रचनाओं ने विशेष प्रशंसा बटोरी.
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