शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन : उद्घाटन भाषण


आज 10 जनवरी 2014 - विश्व हिंदी दिवस को सायंकाल चेन्नई में त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन का उद्घाटन सत्र संपन्न हुआ.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पुदुचेरी के महामहिम लेफ्टिनेंट गवर्नर, श्री वीरेंद्र कटारिया ने कहा कि साहित्य, संस्कृति और सभ्यता हमारी विरासत है. साहित्य और जीवन का संबंध शास्वत है. आज ऐसा वक्त आ गया है कि कर्मठता और दायित्वबोध के स्थान पर पुरस्कार और राजनीति का बोलबाला है. जनसेवकों में कर्तव्यबोध होना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष के समय की चेतना को पुनः जगाना होगा. और यह काम कलाकारों , साहित्यकारों और भाषा प्रेमियों से ही संभव होगा. हिंदी का प्रचार प्रसार आवश्यक है क्योंकि यह देश बहुभाषिक है. देश भक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए हिंदी का प्रचार प्रसार जरूरी है.

महामहिम ने जोर देकर कहा - Don't Criticize anybody or any political system. Human values are totally degenerated today. Authors and Artists are opinion builder's. By your Literature, Songs, Culture, Language you can influence the feeling of the young generation. We should not surrender. We shall rise up.

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