शनिवार, 24 सितंबर 2016

[स्रवंति] बदलती चुनौतियाँ और हिंदी की आवश्यकता : प्रो. ऋषभदेव शर्मा


 "बदली हुई परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में हिंदी को राष्ट्रभाषा और राजभाषा जैसी नारेबाजी से दूर रखकर, भाषा के रूप में प्रचारित-प्रसारित किए जाने की जरूरत है – जिसे मनुष्य सूचनाओं के आदान-प्रदान, जिज्ञासाओं की शांति, आत्मा की अभिव्यक्ति और संप्रेषण की सिद्धि के निमित्त सीखा करते हैं। भावुकता और बाध्यता दोनों ही अतियाँ हैं। भाषा मनुष्य की सहज आवश्यकता के रूप में सीखी जाती है। हम इस सहज आवश्यकता का अनुभव करें-कराएँ, तो हिंदी भी सहजता से पढ़ी-पढ़ाई, सीखी-सिखाई जा सकती है। विश्वविद्यालयों के हिंदी विभागों से लेकर स्वैच्छिक हिंदी प्रचार संस्थाओं तक को चाहिए कि वे अपने घिसेपिटे रवैये को बदलें और हिंदी को अधुनातन ज्ञान की व्यावहारिक भाषा के रूप में प्रचारित-प्रसारित करें।"





बुधवार, 21 सितंबर 2016

विश्व वात्सल्य मंच की बैठक संपन्न



 

हैदराबाद. 
18 सितंबर, 2016  को  विश्व वात्सल्य मंच, हैदराबाद और वैश्विक हिंदी सम्मलेन, मुंबई  की एक  बैहक मुरारका पैलेस में संपन्न हुई. हिंदी को तकनीकी से जोड़ने पर चर्चा हुई. काव्यपाठ तो हुआ ही.डॉ. मोती लाल गुप्ता 'आदित्य' और डॉ. अहिल्या मिश्र का सम्मान किया गया.अध्यक्षता प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने की.

मंगलवार, 20 सितंबर 2016

आ प्र हिंदी अकादमी में व्याख्यान 20 सितंबर, 2016 को

डेली हिंदी मिलाप : 20 सितंबर, 2016 : पृष्ठ 17

देवा प्रसाद मयला की छह पुस्तकें लोकार्पित





लोकार्पण समारोह : 17 सितंबर,2016
डेली हिंदी मिलाप  :  20 सितंबर,2016  : पृष्ठ 2.

मिश्र धातु निगम में हिंदी पक्षोत्सव समापन समारोह


====मिश्र धातु निगम में हिंदी पक्षोत्सव समापन समारोह : 14 सितंबर 2016 ====
डेली हिंदी मिलाप : 20 सितंबर 2016 : पृष्ठ 17