बुधवार, 30 दिसंबर 2015
बुधवार, 16 दिसंबर 2015
"व्यक्तित्व प्रबंधन और भाषिक व्यवहार" पर विशेष व्याख्यान संपन्न
भानूर [मेदक], 15 दिसंबर 2015.
भारत डायनामिक्स लिमिटेड [बीडीएल] की भानूर इकाई में आयोजित द्विदिवसीय राजभाषा कार्यशाला के दूसरे दिन आज यहाँ ''व्यक्तित्व प्रबंधन और भाषिक व्यवहार" विषय पर प्रो. ऋषभदेव शर्मा का विशेष व्याख्यान संपन्न हुआ. अतिथि वक्ता ने मनोविज्ञान और भाषाविज्ञान के हवाले से यह प्रतिपादित किया कि मनुष्य का भाषिक आचरण उसके व्यक्तित्व की कुंजी होता है. साथ ही उन्होंने सकारात्मक व्यक्तित्व के विकास और नकारात्मक वृत्तियों के निराकरण के सहज उपाय के रूप में '21-सूत्री नित्य-संकल्प' पर भी चर्चा की. हिंदी के माध्यम से इस प्रकार की गतिविधि को प्रतिभागियों ने उपयोगी और आवश्यक बताया.
. प्रस्तुति : डॉ. बी. बालाजी
अवर प्रबंधक (रा.भा. एवं सा.प्रशा.)
बीडीएल, भानूर
मोबाइल: 8500920391
हिंदी में कृषि साहित्य पर केंद्रित राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न
हैदराबाद, 9 दिसंबर 2015.
यहाँ राजेंद्र नगर स्थित 'राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान' [मैनेज] के तत्वावधान में 9 दिसंबर को "हिंदी में तकनीकी साहित्य का सृजन और उसका विस्तृत संचार : कृषि साहित्य के विशेष संदर्भ में" विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई. इस अवसर पर प्रतिभागियों को 'प्रयोजनमूलक हिंदी और अनुवाद : पारिभाषिक शब्दावली' पर प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने संबोधित किया. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों और राजभाषा कर्मियों से अनुरोध किया कि अधिकाधिक अद्यतन जानकारी की हिंदी और भारतीय भाषाओँ में सरल-सहज शब्दों में मुद्रित माध्यम और इंटरनेट पर उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि साधारण किसानों तक उसकी पहुँच हो सके.
इस कार्यशाला में कृषि साहित्य के अनुवाद, कृषि क्षेत्र में सरकारी योजनाओं, हिंदी में कृषि विषयक ज्ञान की उपलब्धता, सूचना एवं संपर्क तकनीक, किसान पोर्टल और विकास पीडिया पर अत्यंत उपयोगी विचार एवं कार्य सत्र संपन्न हुए. कार्यशाला डॉ. वी. पी. शर्मा के निर्देशन में डॉ. के श्रीवल्ली द्वारा संयोजित की गई.
मंगलवार, 15 दिसंबर 2015
‘कार्यालयीन व्याकरण’ पर विशेष व्याख्यान संपन्न
14 दिसंबर 2015 को बीडीएल, भानूर में आयोजित राजभाषा कार्यशाला के अवसर पर विशेष वक्ता प्रो. ऋषभदेव शर्मा, संयोजक डॉ. बी. बालाजी एवं प्रतिभागीगण ********* |
भानूर (मेदक), 14 दिसंबर 2015 (मीडिया विज्ञप्ति).
आज यहाँ भारत डायनामिक्स लिमिटेड के परिसर में स्थित तकनीकी सूचना केंद्र में दो-दिवसीय राजभाषा कार्यशाला आरंभ की गई. प्रथम सत्र में प्रतिभागियों को राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी देते हुए कार्यालयीन पत्राचार से अवगत कराया गया.
द्वितीय सत्र में अतिथि व्याख्याता के रूप में पधारे प्रो.ऋषभदेव शर्मा ने ‘कार्यालयीन व्याकरण’ पर पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विशेष व्याख्यान दिया. प्रो.शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि कार्यालयीन भाषा में निर्वैयक्तिकता, पारिभाषिकता, तथ्यात्मकता और अभिधात्मक पारदर्शिता के गुण होना आवश्यक है. उन्होंने प्रारूपण एवं टिप्पण हेतु आमतौर पर प्रयुक्त हिंदी के वाक्य सांचों का अभ्यास भी कराया जिसमें प्रतिभागियों ने विशेष रुचि प्रदर्शित की.
आरंभ में अवर प्रबंधक डॉ.बी.बालाजी ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया. प्रतिभागियों की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव के साथ प्रथम दिन की कार्यशाला संपन्न हुई.
प्रस्तुति : डॉ. बी.
बालाजी
अवर प्रबंधक (रा.भा.
एवं सा.प्रशा.)
बीडीएल, भानूर
मोबाइल: 8500920391
सोमवार, 14 दिसंबर 2015
पवित्रा अग्रवाल का लघुकथा संग्रह 'आँगन से राजपथ' लोकार्पित
हैदराबाद, 12 दिसंबर, 2015.
हैदराबाद की प्रमुख हिंदी कथाकार पवित्रा अग्रवाल की पाँचवीं कथा-पुस्तक "आँगन से राजपथ" ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इण्डिया के महासचिव डॉ. शिव शंकर अवस्थी द्वारा लोकार्पित की गई। पुस्तक में संकलित 80 लघुकथाओं में से लेखिका ने अपनी प्रिय 4 लघुकथाओं का पाठ भी किया। प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने लेखिका के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए लोकार्पित पुस्तक की विस्तृत समीक्षा की।
इस अवसर पर लिए गए चित्र में (बाएं से)
समारोह संचालक मीना मुथा, अध्यक्ष नरेंद्र परिहार, लोकार्पणकर्ता शिव शंकर अवस्थी,
लेखिका पवित्रा अग्रवाल, विशेष अतिथि लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, मुख्य अतिथि मुनींद्र ,
मुख्य वक्ता ऋषभदेव शर्मा, संयोजक अहिल्या मिश्र,
विशेष अतिथि सी. जे. प्रसन्ना एवं मानवेंद्र मिश्र।
लोकार्पित कृति 'आँगन से राजपथ' की समीक्षा करते हुए प्रो. ऋषभदेव शर्मा
सातवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार तिरुवनंतपुरम की लेखिका डॉ. सी. जे. प्रसन्नकुमारी को प्रदत्त
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