शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

''पंत का जीवन दर्शन'' लोकार्पित


डॉ. रियाज़ुल अंसारी के ग्रंथ ''पंत का जीवन दर्शन'' का लोकार्पण 8/7/2013 को आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी में किया गया. अध्यक्ष - प्रो. एम. वेंकटेश्वर. मुख्य अतिथि - प्रो. सुलेमान सिद्दीकी. समीक्षक - प्रो. ऋषभ देव शर्मा. विशिष्ट अतिथि - डॉ. राधे श्याम शुक्ल. संचालक - डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा.






सोमवार, 8 जुलाई 2013

साहित्य मंथन द्वारा गुर्रमकोंडा नीरजा का सारस्वत सम्मान




हैदराबाद, 7 जुलाई 2013.

गत दिनों  'आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी' का  'तेलुगुभाषी युवा हिंदी लेखक पुरस्कार - 2012' अर्जित करने के उपलक्ष्य में 'साहित्य मंथन' के तत्वावधान में आज यहाँ डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा का सारस्वत सम्मान किया गया. इस अवसर पर अध्यक्षासन से 'भास्वर भारत' के संपादक डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं. मुख्य अतिथि डॉ. ऋषभ देव शर्मा, विशिष्ट अतिथिगण डॉ. एम. वेंकटेश्वर और डॉ. अहिल्या मिश्र ने लेखिका को शॉल, स्मृति-चिह्न और लेखन सामग्री भेंट की. जी. संगीता, गुरु दयाल अग्रवाल, ज्योति नारायण और डॉ. बी.बालाजी ने भी मान-चिह्न प्रदान किए .

 डॉ. नीरजा ने साहित्य मंथन के प्रति कृतज्ञता प्रकट की.




आशीष नैथानी की 'तिश्नगी' लोकार्पित


आज 7/7/2013 [रविवार] को 'साहित्य मंथन' के मंच से आशीष नैथानी सलिल के प्रथम कविता संग्रह 'तिश्नगी' को लोकार्पित करने का सुयोग इन पंक्तियों के लेखक के हाथों को मिला -इस पुस्तक की भूमिका भी अपुन ने ही लिखी है. अध्यक्षता डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने की; समीक्षा डॉ. बी. बालाजी ने. आशीर्वचन डॉ. एम. वेंकटेश्वर, डॉ. अहिल्या मिश्र और दीपांकर जोशी ने दिए. सरस्वती वंदना ज्योति नारायण ने की. संचालन डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने किया - सहयोगी रहे राधाकृष्ण मिरियाला और जी. संगीता.

लंबे अरसे बाद आज अपने गुरुदयाल अग्रवाल जी आए तो स्वाभाविक था कि हम लोग 'क्षेत्रा' में जमे. शेरोशायरी चली. कविता जी, गोपाल शर्मा जी और स्वर्गीय चंद्रमौलेश्वर जी की कमी बेहद खली. खैर .... हम पीछे छूटे हुए लोग ठहरे! [ऋ.]



बुधवार, 3 जुलाई 2013

आशीष नैथानी की ‘तिश्नगी’ का लोकार्पण 7 को

साहित्य मंथन
13-2/1/ए - गुप्ता गार्डन, हैदराबाद - 500 013, 

मोबाइल - 09293228461
“अंधेरी रात में/
रोशन सुबह का ख़्वाब अच्छा है./ बच्चे के चहरे पे हँसी है/
शहर में,/ 
कुछ तो जनाब अच्छा है.” 

यह कविता युवा कवि आशीष नैथानी ‘सलिल’ के सद्यःप्रकाशित कविता संग्रह ‘तिश्नगी’ में शामिल है. उत्तराखंड के पौड़ी गडवाल में जन्मे आशीष नैथानी इन दिनों हैदराबाद में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और एक सक्रिय ब्लॉगर के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.

‘साहित्य मंथन’ के तत्वावधान में आगामी 7 जुलाई, 2013, रविवार को सायं 4 बजे दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के खैरताबाद स्थित परिसर में आशीष नैथानी ‘सलिल’ के प्रथम कविता संग्रह ‘तिश्नगी’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है.

लोकार्पण प्रतिष्ठित कवि एवं समीक्षक प्रो ऋषभदेव शर्मा द्वारा किया जाएगा तथा प्रो एम.वेंकटेश्वर एवं डॉ अहिल्या मिश्र विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे. ‘भास्वर भारत’ के संपादक डॉ राधेश्याम शुक्ल लोकार्पण समारोह के अध्यक्ष होंगे. युवा समीक्षक डॉ बी.बालाजी विमोच्य कृति का परिचय देंगे. 

आज आयोजित ‘साहित्य मंथन’ की बैठक में लोकार्पण समारोह समिति का गठन किया गया. जिसके सदस्यों में डॉ जी.नीरजा, ज्योति नारायण, राधाकृष्ण मिरियाला और जी.संगीता के नाम सम्मिलित हैं. 

समारोह संयोजक डॉ जी.नीरजा ने सभी साहित्य प्रेमियों से ‘तिश्नगी’ के लोकार्पण समारोह में उपस्थित होने का अनुरोध किया है.