शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

मिधानि में राजभाषा ‘वाक प्रतियोगिता’ संपन्न





हैदराबाद, 26.07.2018।
आज यहाँ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उपक्रम) के तत्वावधान में मिश्र धातु निगम लिमिटेड के सभागृह में विभिन्न उपक्रमों में कार्यरत कार्मिकों के लिए ‘वाक प्रतियोगिता’ आयोजित की गयी। प्रतियोगिता में 19 उन्नीस उपक्रमों से आए हुए 25 प्रतिभागियों ने ‘ एक देश-एक भाषा (संघ की राजभाषा के संदर्भ में)’ तथा ‘देश और अभिव्यक्ति की आजादी’ पर अपने विचार प्रकट किए।
प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए मिश्र धातु निगम लिमिटेड के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं परिवर्तन प्रबंधन) के आनंद कुमार ने कहा इससे हम किसी विषय को तथ्यात्मक ढंग से संक्षेप में और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करना सीख सकते हैं। नराकास के सदस्य सचिव और बीडीएल के उप महाप्रबंधक (राजभाषा) होमनिधि शर्मा ने राजभाषा के रूप में हिंदी की व्यापक स्वीकार्यता बताते हुए प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रयोजक संस्था मिधानि की ओर से सहायक प्रबंधक (राजभाषा) डॉ बी बालाजी ने प्रतियोगिता के नियम स्पष्ट किए। निर्णायकद्वय प्रकाश जैन और ऋषभदेव शर्मा ने व्यक्तित्व विकास में मनुष्य के भाषाई और शारीरिक व्यवहार की महत्ता पर चर्चा की।
प्रतियोगियों के भाषणों के मूल्यांकन के आधार पर हिंदी भाषी वर्ग में ईएसआई आदर्श नगर के संदीप सिंह को प्रथम,बीएचईएल आरसी पुरम के विनोद सिंह को द्वितीय तथा बीडीएल के धीरज जोशी और एनएमडीसी की पल्लवी डांगे को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। अन्य भाषी वर्ग में एनएमडीसी की लक्ष्मी कुमार को प्रथम, एचपीसीएल की के एस अनंत लक्ष्मी को द्वितीय और बीएचईएल अनुसंधान एवं विकास के रामचंदर राव को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। नराकास के इन पुरस्कारों के अलावा डेली हिंदी मिलाप की ओर से चतुर्थ स्थान प्राप्त मिधानि के अमित सिंह (हिंदी भाषी वर्ग) और एचएएल की जयश्री (अन्य भाषी वर्ग) के लिए विशेष पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई।
आरंभ में सुरेखा, वर्षा, रमा मल्लिका, रतनसिंह और प्रतीक शर्मा ने मिधानि गीत प्रस्तुत किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को मिधानी की ओर से स्मृति चिह्न के रूप में उपहार भेंट किया गया।
प्रतियोगिता में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से श्रद्धा नीलकंठ; बीडीएल से अंबिका मिशा; ईएसआई चिकित्सा महाविद्यालय से मिर्ज़ा असद बेग; बीएचईएल, आरसी पुरम से पी बाल सुब्रह्मण्यम; ईएसआई, अतिविशिष्ट अस्पताल से रत्नदीप सरकार; एचपीसीएल से नेहा कटारिया; आईटीआई से बी नंद किशोर; एमएमटीसी से राजेंद्र प्रसाद; मिधानि से डॉ प्रवीण ज्योति; ईसीआईएल से शर्मीला मुर्मू; एअर इंडिया से पी आर रवींद्र; आईओसीएल से ज़ाहिद अली एवं टीके शेखर; एचएएल से मंजय कुमार; तथा यूनाइटेड इंडिया इन्शुरेंस कंपनी से वी श्रवण कुमार ने उत्साह पूर्वक अपनी भागीदारी दर्ज कराई और राजभाषा हिंदी के प्रति निष्ठा व्यक्त की। इस अवसर पर हिंदी अधिकारीगण - बीडीएल के अवर प्रबंधक डॉ शिव कोटि, बीडीईएल आरसी पुरम के नवदीप कुमार, एनएमडीसी की जी सुजाता, एमएमटीसी के अजय कुमार मिश्र आईओसीएल के जितेंद्र साह तथा यूनाइटेड इंडिया इन्शुरेंस कंपनी की जी लक्ष्मी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
प्रेषक:
डॉ बी बालाजी, सहायक प्रबंधक (राजभाषा), मिधानि।

गुरुवार, 5 जुलाई 2018

'मानव संसाधन विकास के नए आयाम’ पुस्तक लोकार्पित


प्रो. ऋषभ देव शर्मा  द्वारा डॉ. मोहसिन उद्दीन की पुस्तक
 “मानव संसाधन विकास के नए आयाम : भारतीय परिप्रेक्ष्य” का लोकार्पण 
हैदराबाद, 5 जुलाई, 2018। 

काचिगुड़ा स्थित बद्रुका कॉलेज के सभाकक्ष में बुधवार को हिंदी अध्यापकों और लेखकों की संस्था ‘हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ की साहित्यिक सभा आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता प्रो. शकुंतला रेड्डी ने की तथा संयोजन डॉ. रियाजुल अंसारी ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने एनआईआरडी में वरिष्ठ प्रोजेक्ट फ़ैकल्टी के रूप में कार्यरत डॉ. मोहसिन उद्दीन की सद्य:प्रकाशित पुस्तक “मानव संसाधन विकास के नए आयाम : भारतीय परिप्रेक्ष्य” को लोकार्पित किया। लोकार्पण वक्तव्य में प्रो. शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक प्रबंधन जैसे आधुनिक विषय पर स्तरीय पाठ्यपुस्तकों के अभाव की पूर्ति का एक सफल प्रयास है। उन्होंने प्रत्येक अध्याय में सम्मिलित वास्तविक समस्याओं के अध्ययन और उससे जुड़े अभ्यासों के समावेश की विशेष प्रशंसा की। 
‘हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ द्वारा प्रो. ऋषभदेव शर्मा का सम्मान 

इस अवसर पर डॉ. ऋषभदेव शर्मा के 62वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनकी चर्चित स्त्रीवादी काव्यकृति ‘देहरी’ के राजस्थानी अनुवाद की पांडुलिपि अनुवादिका डॉ.मंजु शर्मा द्वारा उन्हें भेंट की गई। मंच की ओर से अतिथियों का स्वागत-सत्कार डॉ. विद्याधर, डॉ. राजेश अग्रवाल, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. संध्या दास और शीला इंगले ने किया। समारोह को जीवंत बनाने में चिरक इंटरनेशनल स्कूल की छात्राओं के विचारोत्तेजक प्रश्नों की विशेष भूमिका रही। डॉ. सुषमा, डॉ. बी एल मीणा, डॉ. प्रभा कुमारी, डॉ. सुपर्णा बंद्योपाध्याय, डॉ. सीमा मिश्रा, अशोक तिवारी, फ़ौजिया बेगम, वुल्ली कृष्णा और जयदीप मुखर्जी आदि ने हिंदी भाषा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर इस चर्चा में सक्रिय भागीदारी निभाई । 
'देहरी' का राजस्थानी भाषा में अनुवाद कवि को समर्पित 

प्रस्तुति : डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, 
सह-संपादक : ‘स्रवंति’, 
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,
 हैदराबाद-500004.