सोमवार, 15 दिसंबर 2025

डॉ. देवेंद्र शर्मा का काव्य संग्रह ‘अनुभव के आखर’ लोकार्पित




डॉ. देवेंद्र शर्मा का काव्य संग्रह ‘अनुभव के आखर’ लोकार्पित

हैदराबाद, 14 दिसंबर, 2025।

अपने दौर के अंतरराष्ट्रीय स्तर के वनस्पति शास्त्र वैज्ञानिक व कवि स्व. डॉ. देवेंद्र शर्मा का सचित्र काव्य संग्रह 'अनुभव के आखर' सिकंदराबाद स्थित इक्रीसेट कॉलोनी में आयोजित समारोह में लोकार्पित किया गया।

लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए साहित्यकार एवं मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के हिंदी परामर्शी प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि डॉ. देवेंद्र शर्मा ने वनस्पति शास्त्री के रूप में विभिन्न भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में कार्य किया, वे हिंदी साहित्य, दर्शन और विज्ञान में विशेष अभिरुचि रखते थे। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण, दार्शनिक चिंतन और काव्य की संवेदनशीलता को एकसूत्र में पिरोकर अपने ख़ास अंदाज़ में साहित्य को समृद्ध किया है। उनकी कविताएँ मानव जीवन के विविध आयामों - आदिम संघर्ष से लेकर आधुनिक समाज की विसंगतियों तथा आध्यात्मिक खोज से लेकर प्रेम की सर्वव्यापकता तक - को सहजता और गहनता के साथ उकेरती हैं। उनकी कविताएँ पाठक को न केवल भावनात्मक स्तर पर छूती हैं, बल्कि बौद्धिक और दार्शनिक स्तर पर भी आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती हैं।

ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि डॉ. देवेंद्र शर्मा की कविताएँ मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक साथ संबोधित करती हैं। यह उनकी व्यापक दृष्टि और संवेदनशील चेतना का परिचायक है। उनकी रचनाएँ चार प्रमुख विषयों - मानव सभ्यता का विकास, सामाजिक विसंगतियाँ, आध्यात्मिक खोज और प्रेम की सर्वव्यापकता - के इर्द-गिर्द बुनी गई हैं, जिन्हें वे प्रतीकात्मकता और दार्शनिक गहराई के साथ प्रस्तुत करते हैं। कवि डॉ. देवेंद्र शर्मा ने मानव सभ्यता की प्रारंभिक यात्रा को किसी सहज आस्तिक रहस्यदर्शी के बजाय वैज्ञानिक चिंतक की तरह देखा है। ऐसे स्थलों पर कवि का मानस प्रागैतिहासिक मानव की प्रकृति के साथ एकाकार होने की चेष्टा करता है। उनकी कविता ‘मानव सभ्यता’ अग्नि की खोज व सामूहिकता के महत्व को सभ्यता की नींव के रूप में प्रस्तुत करती है।

डॉ. देवेंद्र शर्मा की सहधर्मिणी व गीतकार विनीता शर्मा ने इन कविताओं को संकलित किया है। उन्होंने इस अवसर पर कुछ संस्मरण सुनाए और उनके निधन के बाद लिखा अपना गीत सुनाया। यह अंतरंग समारोह डॉ. देवेंद्र शर्मा के काव्य और डॉ. विनीता शर्मा के साथ उनके जीवन एवं दुनिया के विभिन्न देशों में रहकर वैज्ञानिक शोध और विश्व की विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के साथ मेलजोल की जीवन यात्रा के संस्मरणों को साझा करने का साक्षी बना।

इस अवसर पर प्रवीण प्रणव, एफ एम सलीम, एलिजाबेथ कुरियन मोना, रवि वैद, रोशनी वैद और डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने लोकार्पित काव्य संग्रह से विभिन्न कविताओं का वाचन किया। 
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सिकंदराबाद स्थित इक्रीसेट कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में वनस्पति वैज्ञानिक व कवि स्व. देवेंद्र शर्मा के सचित्र काव्य संग्रह 'अनुभव के आखर' को लोकार्पित करते हुए प्रो. ऋषभदेव शर्मा एवं अन्य।
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‘अनुभव के आखर’ के लोकार्पण के अवसर पर विनीता शर्मा ने लोकार्पणकर्ता प्रो. ऋषभदेव शर्मा का भावभीना स्वागत-सत्कार किया। 
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