शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

[चित्रावली] ''साहित्य-सेतु'' का प्रवेशांक लोकार्पित

आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, हैदराबाद की बहुप्रतीक्षित त्रैमासिक पत्रिका
 ''साहित्य-सेतु'' का प्रवेशांक (जनवरी-मार्च, 2014) 
26  फरवरी 2014 को 
लोकार्पित किया गया.

प्रधान संपादक - डॉ. के. दिवाकराचारी

परामर्शदाता मंडल -
प्रो. टी. मोहन सिंह 
प्रो. एम. वेंकटेश्वर 
प्रो. पी. माणिक्यांबा
प्रो. ऋषभ देव शर्मा 
प्रो. वी. कृष्णा 

संपादक - डॉ. बी. सत्यनारायण 
प्रबंध संपादक - पी. उज्ज्वला वाणी 
सहयोगी संपादक - एन. अप्पल नायुडु

[चित्र सौजन्य - संपत देवी मुरारका]

रविवार, 16 फ़रवरी 2014

भारतीय अनुवाद परिषद का ‘नातालि पुरस्कार’ प्रो. दिलीप सिंह को


प्रो. दिलीप सिंह 


हैदराबाद, 15 फरवरी 2014.

दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास के कुलसचिव एवं प्रमुख हिंदी भाषावैज्ञानिक प्रो. दिलीप सिंह को भारतीय अनुवाद परिषद, दिल्ली द्वारा अनुवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष 2014-15 का ‘नातालि पुरस्कार एवं सम्मान’ प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है. 

पुरस्कृत कृति 
परिषद के महासचिव डॉ. पूरनचंद टंडन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष अनुवाद सिद्धांत पर हिंदी भाषा में लिखित मौलिक पुस्तक के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार एवं सम्मान प्रो. दिलीप सिंह को उनकी सद्यःप्रकाशित कृति ‘अनुवाद की व्यापक संकल्पना’ पर प्रदान किया जा रहा है. इसके अंतर्गत परिषद द्वारा निकट भविष्य में आयोजित एक भव्य समारोह में इक्कीस हजार रुपए की पुरस्कार राशि, शॉल, प्रशस्ति पत्र, सारस्वत प्रतिमा तथा सम्मान चिह्न प्रदान किए जाएँगे.


उल्लेखनीय है कि एक सुस्थापित स्वयंसेवी संस्था द्वारा प्रदान किए जाने वाले इस पुरस्कार का अपना एक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व है तथा प्रो. दिलीप सिंह को यह पुरस्कार एवं सम्मान जिस पुस्तक पर प्राप्त हो रहा है उसमें अनुवाद शास्त्र पर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की पृष्ठभूमि में चिंतन करते हुए उन्होंने अनुवाद समीक्षा और मूल्यांकन के विविध व्यावहारिक प्रारूप प्रस्तुत किए हैं जिसे हिंदी अनुवाद चिंतन के क्षेत्र में उनका मौलिक योगदान माना जाता है.


प्रो. दिलीप सिंह को ‘नातालि पुरस्कार’ दिए जाने की घोषणा पर साहित्य, शिक्षा और भाषाविज्ञान क्षेत्र के विद्वानों ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है.




मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014

दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में निराला जयंती संपन्न


हैदराबाद, 4 फरवरी, 2014.
आज यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के पीजी विभाग में आयोजित एक सादे समारोह में वसंत पंचमी और निराला जयंती का उत्सव संपन्न हुआ. आरंभ में डॉ. साहिरा बानू बी. बोरगल ने वसंत पंचमी को भारतीयों का साहित्यिक और सांस्कृतिक पर्व बताते हुए आगंतुकों का स्वागत किया. सामूहिक सरस्वती पूजा के उपरांत नीता जाजू ने निराला कृत सरस्वती वंदना ‘वर दे वीणा वादिनी’ का सस्वर गायन किया.

इस अवसर पर डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने निराला की संक्षिप्त जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके संघर्ष और साहित्य के परस्पर संबंध की चर्चा की. इसके बाद वी.एन.पी. पल्लवी और अर्चना ने निराला की कविताओं का वाचन किया. साथ ही उनके उपन्यास ‘बिल्लेसुर बकरिहा’ के अंशों का पाठ भी किया गया. डॉ. बलविंदर कौर ने डॉ. रामविलास शर्मा लिखित ‘निराला की साहित्य साधना’ के भावपूर्ण अंश प्रस्तुत किए तो के. अनिल कुमार ने अमृतलाल नागर कृत ‘टुकड़े टुकड़े दास्तान’ से निराला संबंधी संस्मरण पढ़कर सुनाया. 

उत्सव का संचालन करते हुए डॉ. मृत्युंजय सिंह ने वसंत पंचमी और होली से संबंधित विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व पर अपने विचार रखे तथा निराला को विलक्षण काव्यप्रतिभा वाला संस्कृतिचेता कवि बताया. अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. ऋषभ देव शर्मा ने वसंत पंचमी को मनुष्य जाति की आदि-सृजनेच्छा का प्रतीक और निराला को आधुनिक हिंदी कविता में इस सृष्टि कामना का सर्वाधिक उत्फुल्ल प्रतिनिधि कवि बताया. आलोक राज सक्सेना के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

महान तेलुगु कवि कालोजी की जन्म-शताब्दी पर विनम्रतापूर्वक



'MERI AWAZ'
 - AN ANTHOLOGY OF 100 POEMS OF KALOJI 
TRANSLATED FRON TELUGU TO HINDI 
WAS RELEASED ON 25.1.2014 AT SUNDARAYYA HALL, HYDERABAD 
BY FAMOUS FILM DIRECTOR B. NARSING RAO
IN PRESENCE OF VIPLAVA POET VARAVARA RAO
RISHABHA DEO SHARMA SPOKE ON THE BOOK AT LENGTH. 
MANNAR VENKATESHWAR COORDINATED THE FUNCTION 
ORGANISED BY 
ANDHRA PRADESH HINDI ACADEMY.