26-27 सितंबर, 2016 को विले पार्ले, मुंबई स्थित साठये महाविद्यालय में संपन्न द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में इसके केंद्रीय विषय के विविध आयामों को समटते 528 पृष्ठीय ग्रंथ ''भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में साहित्य, समाज, संस्कृति और भाषा'' का लोकार्पण करते हुए (बाएँ से) डॉ. सिराजुद्दीन एस. नुर्मातोव (उज्बेकिस्तान), डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा 'गुणशेखर (चीन), डॉ. रामकिशोर शर्मा (बीज भाषणकर्ता), डॉ. रामेश्वर सिंह (रूस), डॉ. सुरेश चंद्र शुक्ल (नार्वे), डॉ. कविता रेगे (सत्र अध्यक्ष), डॉ. विद्योत्तमा कुंजल (मारीशस), डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह (अयोध्या), डॉ. प्रदीप कुमार सिंह (संयोजक व संपादक) एवं डॉ. ऋषभदेव शर्मा (संचालक).
शनिवार, 1 अक्टूबर 2016
साठये महाविद्यालय में द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
26-27 सितंबर, 2016 को विले पार्ले, मुंबई स्थित साठये महाविद्यालय में संपन्न द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में इसके केंद्रीय विषय के विविध आयामों को समटते 528 पृष्ठीय ग्रंथ ''भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में साहित्य, समाज, संस्कृति और भाषा'' का लोकार्पण करते हुए (बाएँ से) डॉ. सिराजुद्दीन एस. नुर्मातोव (उज्बेकिस्तान), डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा 'गुणशेखर (चीन), डॉ. रामकिशोर शर्मा (बीज भाषणकर्ता), डॉ. रामेश्वर सिंह (रूस), डॉ. सुरेश चंद्र शुक्ल (नार्वे), डॉ. कविता रेगे (सत्र अध्यक्ष), डॉ. विद्योत्तमा कुंजल (मारीशस), डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह (अयोध्या), डॉ. प्रदीप कुमार सिंह (संयोजक व संपादक) एवं डॉ. ऋषभदेव शर्मा (संचालक).
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