सोमवार, 27 जून 2022

ऋषभदेव शर्मा अभिनंदन ग्रंथ - "धूप के अक्षर" : सम्मिलित लेखक/ लेख





ऋषभदेव शर्मा अभिनंदन ग्रंथ - "धूप के अक्षर" 

 सम्मिलित लेखक/ लेख 

संख्या

लेखक

भाग

शीर्षक

1.       

योगेंद्रनाथ शर्मा अरुण

1,2

आशीर्वचन

2.       

  दिलीप सिंह

1,2

·        शुभाशंसा

·        धूप ने कविता लिखी है, गुनगुनाने के लिए

3.       

 गुर्रमकोंडा नीरजा 

1, 2

·        संपादकीय

·        संघर्ष और जिजीविषा की बुलंद आवाज

·        तेलुगु साहित्य से प्रेम का प्रतीक

·        साहित्य, संस्कृति और भाषा का मूल त्रिकोण

·        देश दुनिया के ‘सवाल’ और पत्रकारिता के ‘सरोकार’

·        सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय

4.       

 अनीता शुक्ला

1, 2

तेवरी काव्यांदोलन के पुरोधा

5.       

 प्रतिभा मुदलियार

1

मुझे पंख दोगे?

6.       

 डॉली

1

स्त्री प्रश्न: सशक्तीकरण से मानवाधिकार तक

7.       

 शीला बालाजी

1

स्त्री और बच्चे : मानवाधिकार चेतना

8.       

 बी. बालाजी

1

·        अनुवाद अध्ययन : संस्कृति सेतु का निर्माण

·        कविता के समुद्र में लोक का आकाश

9.       

 मंजु शर्मा

1

लोकतांत्रिक चेतना और सजग नागरिकता

10.    

 समीक्षा शर्मा

2

प्यार से भरी पवित्र आत्मा

11.    

 संजय एल. मादार

1

किसान प्रश्न : पीड़ा से राजनीति तक

12.    

 विजेंद्र प्रताप सिंह

1

इतनी सारी मौत, आदमी अकेला

13.    

 अनुपमा तिवारी

1

विमर्शों का नया आयाम

14.    

 हुड़गे नीरज

1

हेलो मनुष्य! हरित विमर्श 

15.    

 शशि राय

1

अमृत फल उगाने वाला कवि

16.    

 सुषमा देवी

1

सूझहिं राम चरित मनि मानिक

17.    

 प्रेमचंद्र जैन

1

‘तरकश’ के तीर

18.    

 कविता वाचक्नवी

1

समकाल की सनद 

19.    

 चंद्रमौलेश्वर प्रसाद

1

सत्य की लेकर लुकाठी वह खड़ा बाजार में

20.    

एसए सूर्यनारायण वर्मा

1

कर्मेषणा एवं दुर्लभ संवेदनशीलता की कविता

21.    

 कैलाशचंद्र भाटिया

1

जन-सम्मुखी कविता के तेवर

22.    

 रामजी सिंह ‘उदयन’

1

एक विद्रोह की मंगल-भूमि

23.    

 प्रमीला के. पी.

1

एक कवि है यहाँ - स्त्रीपक्षीय

24.    

 देवराज

1 , 2

·       कविता के लिए

·       कल धमाके में मरा जो, कौन था

·       कविता में मनुष्यता की स्वतंत्रता की परख

·       समकाल में कविता

·       हिंदी भाषा और उसके समाज की परख

·       विश्लेषक और रचनाकार का संश्लेष 

·       जीवन धारा बहे निरंतर

25.    

 एन. लक्ष्मी प्रिया 

1

धूप ने कविता लिखी है : एक विश्लेषण

26.    

 जगमल सिंह

1

दो दशकों की काव्य यात्रा

27.    

 गोपाल शर्मा

1, 2

·        सरसता, एकता और बंधुता के लिए भारतीय साहित्य

·        शब्दहीन का बेमिसाल सफर

·        हिंदी में वैश्विक

28.    

 एम. वेंकटेश्वर

1

·     हिंदी भाषा : इतिहास और अनुप्रयोग

·     कथा-साहित्य के प्रति विशेष शोधपरख दृष्टि 

29.    

 परमान सिंह

1

हिंदी भाषा की विकास यात्रा : विविध सोपान

30.    

 प्रवीण प्रणव

1, 2 

·        हम हैं बिलोकना चाहते जिस तरु को फूला-फला 

·        तू न समझेगा सियासत, अब टू नादान है

·        आज की रात बचेंगे, तो सहर देखेंगे

·        दीवानों की बस्ती में उम्मीदों का रोशनदान  

31.    

 योगेंद्रनाथ मिश्र

1

एक रिश्ता : मिठास और परेशानी का

32.    

 निर्मला एस. मौर्य

1, 2  

·       संपादकीय टिप्पणियों में सच से वार्तालाप

·       सहज अनुभूति का सौंदर्य

33.    

 वेदप्रकाश अमिताभ

1

समकालीन चुनौतियों और विडंबना से मुठभेड़

34.    

 चंदन कुमारी

1, 2

·     नहीं, मैं गुड़िया नहीं

·     पत्रकारिता के लोकतांत्रिक सरोकार

·     गँवई मन का कवि 

35.    

 संजीव कुमार

2

एक भेंट जो गंतव्य तक ले गई

36.    

 अंतरिक्ष सैनी

2

जीवन संघर्ष का राज़दार यार

37.    

 पवन कुमार ‘पवन’

2

कविताओं को जिया भी है

38.    

 जसवीर राणा

2

धूप के विकिरण से पिंडुरियों के धोवन तक 

39.    

 दिनेश प्रताप तोमर

2

यारों के यार

40.    

 अहिल्या मिश्र

2

शाश्वत क्षणों के हस्ताक्षर 

41.    

 आशा मिश्रा ‘मुक्ता’

2

आशावादिता के आधार-स्तंभ

42.    

 करन सिंह ऊटवाल

2

लघु गुरु

43.    

 पी. राधिका

2

सूरज में चंद्रमा की शीतलता

44.    

 वर्षा सोलंकी

2

मानवीय संवेदनाओं की ईश्वरी वरदान

45.    

 रामनिवास साहू

2

हिंदी का पारस मणि दक्षिण भारत में

46.    

 रेखा अग्रवाल

2

स्नेह और प्रेरणा के स्रोत

47.    

 सैयद मासूम रज़ा

2

जीवन को सिंचित करता अमृत कलश

48.    

 अमन कुमार त्यागी

2

नैतिकता, इंसानियत और सादगी

49.    

 चंद्रप्रताप सिंह

2

बंदउँ गुरु पद पदुम परागा 

50.    

 पवित्रा अग्रवाल

2

खुशबू नेचुरल विद्वत्ता की

51.    

लक्ष्मी नारायण अग्रवाल

2

गुरु-शिष्य परंपरा के आदर्श

52.    

 गिरिजा रानी खन्ना

2

सौभाग्य की बात

53.    

 विनीता कृष्णा

2

गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है 

54.    

 सुपर्णा मुखर्जी

2

चातक की तृष्णा : रोहिणी का जल

55.    

शिवकुमार राजौरिया

2

बिल्कुल कछुए की तरह

56.    

 अवधेश कुमार सिन्हा  

2

काव्य में मिथक : प्रयोग की प्रासंगिकता

57.    

 राकेश कुमार शर्मा

 2

वैचारिक प्रगल्भता और संघर्षप्रियता

58.    

 ज्ञानचंद मर्मज्ञ

2

युग चेतना के वशिष्ठ

59.    

  संगीता शर्मा      

2

असंतोष और आक्रोश से विद्रोह और क्रांति तक

60.    

बालशौरि रेड्डी

1

दो दशकों की कविता स्रवंती का अवगाहन

 

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तम प्रस्तुति,प्रो शर्मा की अनुभूति सबको आनंद मय ही है जो पारस मणि के अर्थ को पूरा करता है। अनंत uday कामनाओं के साथ

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